Meer Taqi Meer Best Love Poetry in Hindi|| क्या कहूँ तुमसे मैं कि क्या है इश्क़,|| Kya Kahoon Tumase Main Ki Kya Hai Ishq || Urdu Sad Poetry

 मीर तकी मीर के बेहतरीन प्रेम शायरी


Meer Taqi  Meer Best Love Poetry in Hindi



क्या कहूँ तुमसे मैं कि क्या है इश्क़,

जान का रोग है, बला है इश्क़।

इश्क़ ही इश्क़ है जहाँ देखो,

सारे आलम में भर रहा है इश्क़।

इश्क़ है तर्ज़-ओ-तौर इश्क़ के ताऊर,

कहीं बंदा कहीं ख़ुदा है इश्क़।

इश्क़ माशूक़ इश्क़ आशिक़ है,

यानी अपना ही मुब्तला है इश्क़।

गर पूजा खुदा की साबित की,

किसू सूरत में हो भला है इश्क़।

दिलकश ऐसा कहाँ है दुश्मन-ए-जाँ,

मुद्दाई है पे मुद्दा है इश्क़।

है हमारे भी तौर का आशिक़,

जिस किसी को कहें हुआ है इश्क़।

कोई ख़्वाहां नहीं मोहब्बत का,

तो कहे जिन्स नारवा है इश्क़।

मीर जी ज़र्द होते जाते हो,

क्या कहें तुम ने भी क्या है इश्क़।

           

     
मीर
तकी मीर


Comments

Post a Comment